Thursday 30 August 2012

गुमनाम


लाख भुलाना चाहूं 
पर भूल न पाऊँ तुम्हे 
रहते हो मेरे ख्यालों में 
पर समझ न पाऊँ तुम्हे 
क्या सच मुच कुछ कहते हो तुम ?
या सुनती रहती हूँ मैं यूँही कोई धुन ?
कभी न सोचा था की इस तरह तुम पर कुछ लिखूंगी 
कुछ समय बाद शायद इससे पढ़कर मैं हसूंगी 
क्यूँ नहीं मेरे ख्यालों से जाते हो तुम 
क्यूँ मेरी नींदों मेरे ख्वाबों में आते हो तुम 
तुमने तो कुछ कहा भी नहीं नहीं इशारा कोई किया 
फिर क्यूँ मेरा मन चुपके से तुम्हारे पीछे हो लिया 
तुम कौन हो क्या हो मैं नहीं जानती 
पर हो मेरे जीवन की अभिन्न सच्चाई ये ज़रूर हूँ मानती 
न जाने क्यूँ आज बैठे बैठे ये ख्याल आया 
की चुपके से मेरी ज़िन्दगी में भी है कोई आया 
कितने दिन कितने पल के लिए मैं नहीं जानती 
क्या ये प्यार है, मैं तो नहीं मानती … 

कौन है वो...

जब चाहो तब साथ है वो
जब बढाओ तो पाओ हाथ है वो
न शिकवे कोई न गिले कोई उससे 
बस मांगता दोस्ती की गाँठ है वो
मिल गए यूँही अचानक ज़िन्दगी की राह में
ज़िन्दगी की राह में
सोचा न था क कभी न अलग होने वाला हमराह है वो
हर दर्द बांटा है उससे
हर ख़ुशी बढ़ी है उससे
हस्ते खेलते चलने वाला 
बन गया नाता है वो
दुआ है यूँही रहे ये सफ़र
पा जाए हर मंजिल जिसका हकदार है वो 

My You..


If I think of the time
When I met him
I laugh & think God is prime
Who planned our meet
Which encroached within
He is special
In many ways
Who made me feel special
Throughout the bay
I can never feel the same
The way he made me feel
I never wanted more
Neither dreamt of any other shore
It was his faith
Which brought us here
Togetherness is what
We have always shared
Our future is destined
And will be known shortly
But he is someone
I can never apart with…

मंज़िल


न जाने वो कौन सी मंजिल है जिसकी तरफ मैं चले जा रहा हूँ
न किसी के साथ की ज़रूरत है
न किसी के सहारे की ज़रूरत है
किसी की यादों के सहारे
न जाने वो कौन सी मंजिल है जिसकी तरफ मैं चले जा रहा हूँ
मंजिल पुकार रही है
रास्ता बना रही है
ना कोई निशाँ
ना ही कोई ठिकाना है
फिर भी बस चले जा रहा हूँ
न जाने वो कौन सी मंजिल है जिसकी तरफ मैं चले जा रहा हूँ..
यादों का सहारा है
इरादों का सहारा है
मंजिल की ओर उठ रहे कदमों का सहारा है
इसी लिए अपनी राह तराशता हुआ चला जा रहा हूँ
न जाने वो कौन सी मंजिल है जिसकी तरफ मैं चले जा रहा हूँ …

Miss You…


I see you in my dreams
I shout your name & scream
but you are not here…
I hear you say my name
Im ready to take all blame
but you are not here…
I think of all those days
Our happy days together
My heart still aches in pain
It cries & cries in rain
but you are not here…
I wish i could know what went wrong
It was me, you or the circumstances around
I still miss you & wont forget u ever
I want you with me forever & ever
But You Are Not Here…..

ये क्या हुआ….



न जाने क्यूँ तुम हमसे खफा हुए
न जाने क्या हुआ जो हम तुम जुदा हुए
एक ऐसा मोड़ आया हमारी राह में
की हम तुम पहले की तरह फिर अजनबी हुए
न कोई गिला न शिकवा है तुमसे
बस इतना कह दो की क्यूँ तुम हमसे खफा हुए
जिस मोड़ पर छोड़ गए थे
मुड़ोगे जब भी, हमें वहीँ पाओगे
बस एक बार एक बार मुड़कर ये कह दो
की अब हमारे तुम्हारे रास्ते जुदा हुए…..

For You…

Something is wrong Something is missing
I don’t know but this silence is killing
Have I done a mistake I have the right to know
Have you other reasons to be upset I am bothered to know
Silence is golden when it comes with peace
But with this silence I have lost my speech
If I am your friend make me feel so
If I made you upset let me please know……..

बेचैनी


रहता है मन किसी खोज में
ढूंढता रहता है चैन हर एक की सोच में
बांवरा सा फिर रहा है
शांत ये होता नहीं
छूना चाहता है आसमान की उचाईयों को
पर उडान ये भरता नहीं
घबराता है भयभीत है
अपने में सकुचा सा ये ही मेरा मीत है
रंगों में रंगना है इसे
चाहतों से भरना है इसे
एक आज़ाद पंछी की तरह आसमान देना है इसे…