यादों का पिटारा
है अश्रुओं का भंडारा
है अश्रुओं का भंडारा
ख़ुशी और गम
दोनों का इसमें अनमोल संगम
दोनों का इसमें अनमोल संगम
कुछ सहेजे हुए पल
कुछ अनचाही हलचल
कुछ अनचाही हलचल
है कैसा अजब
ये यादों का समंदर
ये यादों का समंदर
डूब जाए जो कोई अगर
तो पार लगना है मुश्किल
तो पार लगना है मुश्किल
मझदार फंस जाए जो कोई
तो हिम्मत ना इनसे बड़ी कोई
तो हिम्मत ना इनसे बड़ी कोई
वो याद ही है
जो जोड़े अतीत के सुनहरे पल
जो जोड़े अतीत के सुनहरे पल
वो याद ही है
जो रुला दे और कर दे हृदय कोमल
जो रुला दे और कर दे हृदय कोमल
ना जाने खुदा को कैसे ये सुझाया
जो यादों का पिटारा हर एक के झोली में है भिजवाया…
जो यादों का पिटारा हर एक के झोली में है भिजवाया…
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